क्या प्यार और सेक्स एक-दूसरे के पूरक है

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कुछ लोग प्यार और सेक्स दोनों को बिल्कु्ल अलग-अलग मानते हुए प्यार को जहां एक प्यारा या मधुर अनुभव मानते हैं वहीं सेक्स को शारीरिक जरूरत मानते हैं। शोधों के अनुसार, अगर आपके सेक्‍सशुअल रिलेशन अच्छे हैं, तो आपका पार्टनर आपके करीब रहेगा। वहीं सेक्सशुअल रिलेशन अच्छे नहीं होने पर नौबत तलाक तक पहुंच सकती है। यह शोध साबित करता है कि प्यार और सेक्स एक-दूसरे के पूरक है। प्यार के बिना सेक्स संभंव नहीं और सेक्स के बिना प्यार अधूरा है।
युवाओं में प्यार और सेक्स को लेकर अलग-अलग भ्रांतियां है। एक वर्ग ऐसा है जो प्यार और सेक्स को एक ही मानता है तो एक वर्ग ऐसा है जो संभोग का मतलब प्यार मानता है और जबकि एक वर्ग ऐसा है जो प्यार में सेक्स और सेक्स से पहले प्यार को जरूरी मानता है। बिना किसी इमोशन या कनेक्ट के सेक्स करना एक मकैनिकल प्रोसेस जैसा है और बाद में मुझे अपने आप में अच्छा महसूस नहीं होता , भले ही हमारी जनरेशन के लोगों को वन-नाइट स्टैंड और हुक-अप्स कूल लगते हों लेकिन आखिरकार सेक्स सिर्फ एक शारीरिक जरूरत से कहीं ज्यादा है।’ये बात साबित हो चुकी है कि तनाव सेहत को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए अगर सेक्स किया जाता है तो तनाव कम होता है और प्रतिरोध क्षमता बढती है।अगर तनाव कम होता है तो इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि जिन पुरुषों में ज़्यादा स्खलन होता है उनकों प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा कम होता है।जब दम्पति आपस में किसिंग करते हैं या सेक्सुअल तरीके से एक दूसरे को छूते हैं तो औक्सीटॉसीन यानि कडल हार्मोन का स्राव रक्त में होता है। इस दौरान ऑक्सीटोसीन न्यूरोटरांसमीटर एक्टिव होता है और तनाव वाले हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है । इसलिए सेक्स के बाद दंपति तरोताजा महसूस करते हैं, साथ ही उनमें इससे अपनापन और रोमांस बना रहता है।

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