बैंक घोटालों के बाद अब महाराष्ट्र में ‘चूहा घोटाले’ का हुआ पर्दाफाश, 7 दिन में मरे 3 लाख चूहे

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आजादी के बाद देश में कई सरकारों के समय में कई घोटालों का खुलासा हुआ, जैसे CWG , 2G, जीप , बोर्फोस आदि , तो अब हाल ही में देश में बैकिंग घोटालों की बहार आई हुई है । लेकिन इस बीच महाराष्ट्र से एक ऐसे घोटाले के खुलासे की खबर सामने आई है । जिसके बारे में आज तक किसी न तो सोचा होगा ओर न ही सुना होगा । जी हां , महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार की नाक के नीचे हुए , ‘चूहा घोटाले’ का पर्दाफाश हुआ है ।

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महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने महाराष्ट्र में ‘चूहा घोटाला’ का पर्दाफाश किया है. गुरुवार को खड़से ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्रशासन के पास है और इसके प्रमुख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने विधानसभा में कहा कि मंत्रालय में एक सप्ताह में 3 लाख से ज्यादा चूहे मारे गए हैं, इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय में चूहे मारने के लिए लाई गई दवा को पीकर ही धर्मा पाटील नाम के किसान ने आत्महत्या की थी. खडसे ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.

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खड़से के आरोपों से सदन में हड़कंप मच गया. खड़से ने कहा कि BMC दो साल में छह लाख चूहे मारती है और मंत्रालय ने मात्र सात दिन में तीन लाख से ज्यादा चूहे मार दिए. साल 2016 में एक निजी संस्था को दिए ठेके की शर्तों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 6 महीने में मंत्रालय के चूहे खत्म करने थे लेकिन यह काम महज 7 दिन में निपटा दिया गया. यह कारनामा कैसे हुआ इसकी जांच होनी चाहिए.

खड़से के सवाल
मंत्रालय में गृह विभाग व सामान्य प्रशासन विभाग की अनुमति के बिना जहर कैसे गया. जिस संस्था को चूहा मारने का काम दिया गया था उस संस्था को जहर प्राप्त करने की अनुमति है क्या? मंत्रालय के जिस मंजिल पर या जिस विभाग में जहर रखा गया था, उस विभाग के प्रमुख से इसे रखने की अनुमति ली गई है, उपलब्ध दस्तावेज में इन बातों का कोई जिक्र नहीं है. खडसे ने कहा कि मंत्रालय में किसान धर्मा पाटील ने जो जहर पीकर आत्महत्या की थी, वह चूहा मारने वाली थी.

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